अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों को अपनाने के प्रति जागरूकता पैदा करना और उन्हें प्रोत्साहित करना आम आदमी के सामाजिक और आर्थिक जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
कृषि, आपदा प्रबंधन, मौसम पूर्वानुमान, संचार, नेविगेशन और रिमोट सेंसिंग जैसे क्षेत्रों में अंतरिक्ष-आधारित अनुप्रयोग बेहतर आजीविका, बेहतर संसाधन प्रबंधन और बेहतर कनेक्टिविटी में योगदान करते हैं। इससे समग्र राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा मिलता है।
इसके चलते, जागरूकता पैदा करने और अपनी सफलता की कहानियों को साझा करने के लिए इसरो छात्रों और आम लोगों के लिए नियमित रूप से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करता है।
इन कार्यकमों में प्रदर्शनियां, व्याख्यान, छात्र कार्यशालाएं, ऑनलाइन पाठ्यक्रम और विशेष कार्यक्रम जैसे ‘युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम (युविका)’ और ‘स्पेस ऑन व्हील्स’ शामिल हैं। इसरो शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर वेबिनार भी आयोजित करता है और अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में रुचि लाने के लिए सोशल मीडिया और टेलीविज़न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों से जुड़ता है।
चंद्रयान मिशन की सफलता ने पूरे देश में छात्र समुदाय को काफी उत्साहित किया है। भारत के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रमों की उपलब्धियों ने अंतरिक्ष विज्ञान और खगोल विज्ञान में छात्रों के बीच अत्यधिक जिज्ञासा और रुचि जगाई है।
बीते सालों में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में छात्रों को प्रेरित करने और प्रशिक्षित करने के लिए कई शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू किए हैं। इन उल्लेखनीय पहलों में ‘युविका’ के 2024 संस्करण के लिए 700 से अधिक छात्रों ने पंजीकरण कराया और 2023 में उत्तर प्रदेश राज्य से 800 से अधिक पंजीकरण हुए। उत्तर प्रदेश में पंजीकृत ‘अंतरिक्ष ट्यूटर्स’ के माध्यम से इसरो ने 5,000 से अधिक छात्रों इससे जोड़ा है। इसके अलावा, स्पेस ऑन व्हील्स बस उत्तर प्रदेश में लगभग 10,000 छात्रों और आम जनता तक पहुंच चुकी है।
नवीं कक्षा उत्तीर्ण छात्रों के लिए लक्षित आवासीय कार्यक्रम ‘युविका’ व्यावहारिक सत्रों, विशेषज्ञ वार्ता और सुविधा भ्रमण के माध्यम से अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोगों का बुनियादी ज्ञान प्रदान करता है। कक्षा नौ में अध्ययनरत विद्यार्थियों का चयन शैक्षणिक प्रदर्शन, विज्ञान मेलों, ओलंपियाड और पाठ्येतर गतिविधियों में भागीदारी के आधार पर किया जाता है।
इसके अलावा, इसरो प्रदर्शनियों, व्याख्यानों और कार्यशालाओं के माध्यम से छात्रों के बीच अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए इच्छुक शैक्षणिक संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों व एसटीईएम शिक्षकों की पहचान कर रहा है। यह कार्यक्रम उन स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए खुला है जो इसरो में अंतरिक्ष शिक्षक या ‘अंतरिक्ष ट्यूटर’ के रूप में पंजीकरण कराने में रुचि रखते हैं।
सभी आयु वर्ग के छात्र जागरूकता सत्र में भाग ले सकते हैं।
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