भारत की एक बेटी ने बुंदेलखंड की बंजर जमीन पर वह कार्य कर दिखाया है जो आज देश के सामने एक बहुत बड़ी मिसाल पेश कर रहा है। इस बेटी ने यहां की बंजर जमीन पर स्ट्रॉबेरी की फार्मिंग कर दिखाई है। इससे स्थानीय किसानों को भी काफी प्रोत्साहन मिल रहा है।
यह खबर तब सामने आई जब झांसी में 17 जनवरी से 16 फरवरी के बीच स्ट्रॉबेरी महोत्सव का आयोजन किया गया। बुंदेलखंड में स्ट्रॉबेरी का उत्पादन कार्य घर की छत से प्रारंभ किया गया, बाद में इसे बढ़ाकर वहां के खेतों में रोपित किया गया। आज इसके माध्यम से पूरे झांसी व बुंदेलखंड को एक नई पहचान मिली है। वहीं किसानों की आमदनी को बढ़ाने के साथ ही मार्केट की मांग के अनुरूप आपूर्ति करने में भी यह सहायक साबित हो रही है।
इस कार्य की शुरुआत झांसी के हरजीत चावला और उनकी बेटी गुरलीन चावला ने अपने घर की छत पर करके शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने अपनी बंजर जमीन का मिट्टी परिक्षण कराकर हॉर्टी कल्चर ऑर्गेनिक खेती के माध्यम से अपने एक एकड़ खेत में स्ट्रॉबेरी का उत्पादन कर साबित कर दिया कि बुंदेलखंड की जमीन बंजर नहीं हो सकती।
खेती को ड्रिप इरिगेशन प्रणाली से जोड़कर आज की क्षमता से तीन गुना अधिक सिंचाई क्षमता विकसित की जा रही है। स्ट्रॉबेरी महोत्सव में झांसी के सभी होटल, रेस्टोरेंट व होम बेकर ने फ्रैश स्ट्रॉबेरी से 100 से भी ज्यादा व्यंजन तैयार किए। इस महोत्सव के जरिए प्रशासन का उद्देश्य रहा कि बुंदेलखंड के किसान स्ट्रॉबेरी की खेती में रुचि लें व इससे होने वाले लाभ को जानें ताकि बुंदेलखंड के किसान भी आत्मनिर्भर व सम्पन्न बन सकें।






Related Items
भारत में शिक्षा का संकट, सर्वे ने उजागर की चिंताजनक खामियां
'परंपरा' से 'परिवर्तन' के दौर में है भारत की उच्च शिक्षा
क्यों भारत छोड़कर विदेशों में बसना चाहते हैं हमारे युवा?