हाल ही में एक आईटी कंपनी ने कई प्रशिक्षुओं को नौकरी से निकाल दिया। इसके बाद काफी शोर-शराबा और विरोध प्रदर्शन हुआ। हायरिंग कंपनी के द्वारा आउटसोर्स किए गए कुछ निजी प्रशिक्षकों ने कहा कि "जिन लोगों को निकाला गया, उनमें संचार कौशल की कमी थी और महीनों की ट्रेनिंग के बावजूद उनकी भाषाई क्षमताओं में कोई सुधार नहीं हुआ।"
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